मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

ख्वाब............





मुस्कुराती आँखों से कोई  ख्वाब छीन लेता है ! 
                                  कसमसाती रातों से कोई नींद भी चुन लेता है !!

                                  महकती  सांसों  में जो गीत गुनगुनाता है !
                                  हौले  से  छू  के मुझे चुपके से जगाता है !!

                                  दिल में जो  रहता है  हर वक़्त  हर लम्हा मेरे !
                                  वो  हकीकत है फिर भी ख्वाबों का हिस्सा मेरे !!

                                  कभी आ जाता  बिन बताये  वो  खयालों में !
                                  लगा  के  चुपके से  जाता  गुलाब  बालों  में !!

                                  महक-महक गई  हैं मेरी बातें जिसकी बातों से !
                                  सुलग सुलग गयीं हैं मेरी रातें जिसकी साँसों से !!

                                  कोई वादा नहीं और वादा खिलाफी  भी नहीं !
                                  वो मेरे पास नहीं...फिर भी...मुझसे दूर नहीं !!

25 टिप्‍पणियां:

  1. baat to sachhee hai
    jo paas hote hein kai baar dil se door rahte hein

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  2. दिल में जो रहता है हर वक़्त हर लम्हा मेरे !
    वो हकीकत है फिर भी ख्वाबों का हिस्सा मेरे !very nice.

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  3. क्या कहूँ ...? बहुत कोमल एहसास से बँधी रचना मन को
    छू गई ! बेहतरीन हमेशा की तरह !
    आभार !

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  4. ऊपर की पहली दस पंक्तियां लाजवाब है और मन को उद्वेलित कर
    दिया.......और अंतिम ये पंक्तियां.............
    कोई वादा नहीं और वादा खिलाफी भी नहीं !
    वो मेरे पास नहीं...फिर भी...मुझसे दूर नहीं !!
    ................सच में घायल कर गई
    अनुमति हो तो मैं इसे अपनी धरोहर बना लूं
    सादर
    यशोदा

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  5. खुबसूरत सी नज़्म |

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  6. सुलग सुलग गयीं हैं मेरी रातें जिसकी साँसों से !
    बहुत ही भाव-प्रवण कविता । मेरे पोस्ट पर आपका आमंत्रण है । धन्यवाद ।

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  7. कभी आ जाता बिन बताये वो खयालों में !
    लगा के चुपके से जाता गुलाब बालों में !!

    एक - एक शब्द मार्मिक है ...सुन्दरता से अभिव्यक्त हुई हैं भावनाएं .....!

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  8. महक-महक गई हैं मेरी बातें जिसकी बातों से !
    सुलग सुलग गयीं हैं मेरी रातें जिसकी साँसों से !!

    वाह प्यार की प्यारी अभिव्यक्ति

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  9. एक-एक शब्द मार्मिक है,सुन्दरता से अभिव्यक्त हुई हैं भावनाएं

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  10. बहुत सुन्दर रचना, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति , बधाई.

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  11. विरह वेदना की प्रस्तुति भावपूर्ण है ♀
    ------------
    कोई वादा नहीं और वादा खिलाफी भी नहीं !
    वो मेरे पास नहीं...फिर भी...मुझसे दूर नहीं !!

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  12. कोई वादा नहीं और वादा खिलाफी भी नहीं !
    वो मेरे पास नहीं...फिर भी...मुझसे दूर नहीं !!

    bahut adbhut ehsaas...yahi to prem hai...sundar rachna ke liye badhai.

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  13. महक-महक गई हैं मेरी बातें जिसकी बातों से !
    सुलग सुलग गयीं हैं मेरी रातें जिसकी साँसों से !!

    बहुत सुंदर । .मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।

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  14. बहुत बढ़िया नज्म,,,,,लाजबाब
    अच्छी रचना,सुंदर प्रस्तुति ....

    MY NEW POST ...कामयाबी...

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