बूँद की किस्मत में गर होगा मोती बन जाना
तो इंतज़ार होगा किसी सीप को उसका भी...
यूँ ही बाहों में नहीं थमता कोई किसी को
किसी नज़र को होगा इंतज़ार उसका भी......
आँख से टपका जो आंसू कोई तो पोछेगा
कोई तो होगा नसीब-ए-दामन उसका भी...
रात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
ज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
यूँ तो आते हैं औ जाते हैं मुसाफिर कितने
कोई दम भर जो ठहर जाए वो आशियाना भी...
बदन तपे जो कभी थामने वाला हो कोई
किसी आगोश में होगा मेरा ठिकाना भी.....
न हो ये सोच कर खुश ए मेरे रकीब-ए जाँ !
कभी तो होगा तेरा दिल मेरा ठिकाना भी.....
कल शनिवार 25/02/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in> नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बेहतरीन।
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बढ़िया...
जवाब देंहटाएंरात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
ज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
वाह!!!
बहुत खूबसूरत गजल ...
जवाब देंहटाएंखूबसूरत ग़ज़ल !
जवाब देंहटाएंन हो ये सोच कर खुश ए मेरे रकीब-ए जाँ !
जवाब देंहटाएंकभी तो होगा तेरा दिल मेरा ठिकाना भी.....
..
क्यों नहीं पूनम जी ..यही विश्वाश और थोड़ा धैर्य !!
बदन तपे जो कभी थामने वाला हो कोई
जवाब देंहटाएंकिसी आगोश में होगा मेरा ठिकाना भी.....
...
रात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
ज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
बहुत सुंदर भाव पूनम जी
सुभानाल्ह.....खुबसूरत ग़ज़ल....दाद कबूल करें दी।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया भाई.....
हटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंकविता का भाव बहुत ही अच्छा लगा । मेरे पोस्ट "भगवती चरण वर्मा" पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंummeed mein duniyaa zindaa hai
जवाब देंहटाएंइंतज़ार होगा किसी सीप को उसका भी...
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत खूबसूरत...
सादर.
रात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
जवाब देंहटाएंज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
रात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
जवाब देंहटाएंज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
लिखा आपने अनुभूति सांझा है मेरी तेरी उसकी ...
हर्फ़ दर हर्फ़ गहराई बढती ही जा रही है इस खुबसूरत नज़्म की..वाह !..जी शुक्रिया ..
जवाब देंहटाएंअति उत्तम,सराहनीय सुंदर गजल के भाव अच्छे लगे .....
जवाब देंहटाएंNEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...
बदन तपे जो कभी थामने वाला हो कोई
जवाब देंहटाएंकिसी आगोश में होगा मेरा ठिकाना भी.....
बहुत खूब ... कभी कभी कसी के ख्वाब भी ठिकाना बन जाएँ हैं दर्द में ... लाजवाब ...
प्रेम की उम्मीद का खूबसूरत अक्स
जवाब देंहटाएंन हो ये सोच कर खुश ए मेरे रकीब-ए जाँ !
जवाब देंहटाएंकभी तो होगा तेरा दिल मेरा ठिकाना भी.....
रात आगोश में ले लेती है यूँ तो सबको
ज़हे नसीब कोई बांह हो बिछौना भी.....
behatreen gajal poonam ji badhai sweekaren.
shukriya....
हटाएंबहुत ही सुन्दर
जवाब देंहटाएंभाव अभिव्यक्ति है..
बहुत ही बढ़िया गजल...
:-)