शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

इस जहां में मुझ से दीवाना नहीं....



इस जहां में मुझ सा दीवाना नहीं...
खोजने से भी कोई मिलता नहीं...!

नींद कब से दूर आँखों से मेरी...
एक भी तो ख्वाब अब सजता नहीं !

बिन पिए मुझको नशा सा हो चला...
हूँ नशे में फिर भी मैं बहका नहीं..!

आपने अब तक न पहचाना मुझे...
था अभी तक दूर बेगाना नहीं...!

आपकी महफ़िल में हूँ रुस्वा मगर..
अश्क़ आँखों का हूँ अफ़साना नहीं...!

चाँदनी दामन में सिमटी इस तरह...
दिखता अब 'पूनम' कोई साया नहीं..!


***पूनम***

इस जहां में मुझ से दीवाना नहीं....



इस जहां में मुझ सा दीवाना नहीं...
खोजने से भी कोई मिलता नहीं...!

नींद कब से दूर आँखों से मेरी...
एक भी तो ख्वाब अब सजता नहीं !

बिन पिए मुझको नशा सा हो चला...
हूँ नशे में फिर भी मैं बहका नहीं..!

आपने अब तक न पहचाना मुझे...
था अभी तक दूर बेगाना नहीं...!

आपकी महफ़िल में हूँ रुस्वा मगर..
अश्क़ आँखों का हूँ अफ़साना नहीं...!

चाँदनी दामन में सिमटी इस तरह...
दिखता अब 'पूनम' कोई साया नहीं..!


***पूनम***

गुरुवार, 7 जुलाई 2016

कोई रोये हँसा करे कोई......




कोई रोये हँसा करे कोई...
वो न समझे तो क्या करे कोई..!

है अजब चीज भी मुहब्बत ये...
या खुदा अब भला करे कोई..!

आज दिल फिर उसी पे आया है...
आज फिर जाँ जला करे कोई..!

कल तलक वो मुझे नसीब न था...
आज इसका गिला करे कोई..!

वो है मगरूर अपनी सूरत पे...
फ़िक़्र क्यूँ हो मिटा करे कोई..!

पँछियों ने उड़ान भर ली है...
हाथ  'पूनम ' मला करे कोई..!


***पूनम***