गुरुवार, 15 दिसंबर 2011

एक किरण....







भोर की लाली के साथ
एक किरण चमकी
आशा की....
चहचहाती चिड़ियों ने
एक नया सुर दिया मेरे जीवन को !
सुगन्धित पवन ने
फूंक दिए प्राण
मेरे तन-मन में
और....
रात की सारी व्याकुलता
एकबारगी
दूर हो गयी
यह सुन कर कि
तुम आने वाले हो......!!

16 टिप्‍पणियां:

  1. पवन सुंदर संदेसा ले कर आयी है ........................सुंदर भाव

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  2. ओह! बहुत ही प्रेरक और भावपूर्ण.
    आपका प्रोफाइल चित्र सुन्दर लगा.
    आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आप आईं ,इसके लिए भी आभार.

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  3. intzaar khatm hone kaa ahsaas badaa hee sukhad hotaa hai

    sundhar bhaavyaatmak abhivyaktee

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  4. यह अहसास जीने को जीने की प्रेरणा देता है।

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  5. कोमल एहसाह लिये इस रचना पे मेरे तरफ से बधाई.. !

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  6. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति है आपकी.

    आभार.

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  7. सुभानाल्लाह......मेरा पिया घर आया |

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  8. रात की सारी व्याकुलता
    इंतजार की घड़ियाँ ,
    समाप्त हो ,इससे अच्छी बात क्या हो सकती ....!

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  9. वाह!!!!!!!!सुंदर रचना क्या बात है,....बधाई
    मेरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे

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  10. भोर की लाली के साथ
    एक किरण चमकी


    और....
    रात की सारी व्याकुलता
    एकबारगी
    दूर हो गयी
    यह सुन कर कि
    तुम आने वाले हो......!!
    क्या भाव जिया है आपने कविता में पूनम जी ...वाह निशब्द हूँ !

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