हम अपना हाल उनको बताने से रह गए...
आई जुबां पे बात सुनाने से रह गए...!!
उनको थी ये खबर कि मेरा दिल उदास है...
इस बार वो नज़र में गिराने से रह गए...!!
थी तेज धार यूँ तो उनकी नश्तर-ए-जुबां...
लेकिन मैं बच गयी...वो चुभाने से रह गए...!!
वो बेईमान भी...थी वफ़ा की उन्हें कदर...
लेकिन वफा वो मुझसे निभाने से रह गए...!!
सोचा था दिल की बात बताऊँ उन्हें मगर...
हम अपने ही एहसास जुटाने से रह गए...!!
कर के उजाड़ दिल मेरा एहसास ये हुआ...
वो अपना ही सामान सजाने से रह गए...!!
हमने सजाया दिल को उनके ही रिवाज़ से...
अफ़सोस था उन्हें...वो जताने से रह गए...!!
यूँ तो हुए हैं और भी कुछ आशना-ए-दिल...
'पूनम' तुझे ही दिल में बिठाने से रह गए...!!
***पूनम***
आपने लिखा....
जवाब देंहटाएंहमने पढ़ा....और लोग भी पढ़ें;
इसलिए बुधवार 04/09/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in ....पर लिंक की जाएगी. आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
हमने सजाया दिल को उनके ही रिवाज़ से...
जवाब देंहटाएंअफ़सोस था उन्हें...वो जताने से रह गए...!!.....सुभानल्लाह !!!
भावपूर्ण !
जवाब देंहटाएंसोचा था दिल की बात बताऊँ उसे मगर...
जवाब देंहटाएंहम अपने ही एहसास जुटाने में रह गए...
होता है ऐसा अक्सर ... दिल के एहसास बाहर नहीं आते जब वो सामने आ जाते हैं ...
हमने सजाया दिल को उनके ही रिवाज़ से...
जवाब देंहटाएंअफ़सोस था उन्हें...वो जताने से रह गए...!!
यूँ तो हुए हैं और भी कुछ आशना-ए-दिल...
'पूनम' तुझे ही दिल में बिठाने से रह गए...!!
बहुत खुबसूरत भाव
latest post नसीहत
हमने सजाया दिल को उनके ही रिवाज़ से...
जवाब देंहटाएंअफ़सोस था उन्हें...वो जताने से रह गए...!!
यूँ तो हुए हैं और भी कुछ आशना-ए-दिल...
'पूनम' तुझे ही दिल में बिठाने से रह गए...!!
बहुत उम्दा रचना।
कभी यहाँ भी पधारें।
सादर मदन
http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
khubsurat aur behatrin gazal
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