एक खुशी तुझसे मिलने की..
एक गम तेरे बिछड़ने का..
था एक दर्द रोने का..
था एक दर्द मुस्कुराने का..
कुछ ख्वाब अनछुए से..
था दर्द टूट जाने का..
जो नींद में नहीं आते..
इंतज़ार ऐसे सपने का..
छू गया जो मुझको चुपके से..
एक हाथ कोई अपने का..
कोई मुझसे बात करता है..
कोई मुझमें मुझ सा रहता है..
है जो साथ मेरे अपने सा..
है ये साथ मेरे अपने सा...!!
कोई मुझमें मुझ सा रहता है..
जवाब देंहटाएं***
सुन्दर!
कोई मुझसे बात करता है..
जवाब देंहटाएंकोई मुझमें मुझ सा रहता है..
बहुत सुंदर रचना,,,
RECENT POST : पाँच( दोहे )
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!!
जवाब देंहटाएंश्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंअति सुंदर...
जवाब देंहटाएंआप की ये रचना आने वाले शुकरवारयानी 30/08/2013 की नयी पुरानी हलचल पर लिंंक की गयी है... आप भी इसहलचल में शामिल होकर सभी रचनाओं पर भी अपनी टिप्पणी दें...
इस संदर्व में आप के विचारों आप का स्वागत है।
मन का मंथन [मेरे विचारों का दर्पण]
कविता मंच [पर आप भी योगदान दें]
हमारा अतीत [जो खोया है उसे वापिस लाना है... सहियोग दें...]
प्रेम मय हो उठा ये वातावरण ...
जवाब देंहटाएंबहुत लाजवाब ...
अहा! सुन्दर..सुन्दर..सुन्दर..
जवाब देंहटाएंकोई है जो मन को छा लेता है !
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंbahut sundar pyari rachana..:-)
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