तुम्हारी छत पे चमका एक तारा..
बताओ तो उसे.. किसने पुकारा
भला कब था हमारा आशना वो
मगर तुमको भरोसा कब हमारा
निगाहों में कई हैं... ख्वाब आये
नहीं है राज़दां........कोई हमारा
हमारा प्यार...... तेरा मुन्तजिर है
तुम्हीं समझे......नहीं कोई इशारा..
ज़माने में तुम्हें....... ढूंढा किये हैं
पता पूनम कोई.... तो दे तुम्हारा
सुंदर अभिव्यक्ति ....!!
जवाब देंहटाएंहमारा प्यार...... तेरा मुन्तजिर है तुम्हीं समझे......नहीं कोई इशारा..------
जवाब देंहटाएंवाह मन को छूती अनभूति
बहुत सुंदर----
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों.… आभार
http://jyoti-khare.blogspot.in
सुभानाल्लाह
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव !
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