शनिवार, 21 सितंबर 2013

तुम्हारी छत पे चमका एक तारा....








तुम्हारी छत पे चमका एक तारा.. 
बताओ तो उसे.. किसने पुकारा
भला कब था हमारा आशना वो मगर तुमको भरोसा कब हमारा
निगाहों में कई हैं... ख्वाब आये नहीं है राज़दां........कोई हमारा
हमारा प्यार...... तेरा मुन्तजिर है तुम्हीं समझे......नहीं कोई इशारा..
ज़माने में तुम्हें....... ढूंढा किये हैं पता पूनम कोई.... तो दे तुम्हारा



4 टिप्‍पणियां:

  1. हमारा प्यार...... तेरा मुन्तजिर है तुम्हीं समझे......नहीं कोई इशारा..------
    वाह मन को छूती अनभूति
    बहुत सुंदर----


    आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों.… आभार
    http://jyoti-khare.blogspot.in

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