अभी हम ने जहाँ देखा कहाँ है
मिरे पहलू में दिल है जी कहाँ है...!
तुम्हें हम याद करते ही रहे हैं
तुम्हें हम याद हों ऐसा कहाँ है...!
कभी उस आँख में बस हम बसे थे..
नज़ारे हों वही..... ऐसा कहाँ है...!
हमारा दिल तुम्हारा आशियाना
मगर अब तू यहाँ रहता कहाँ है...!
कभी आओ हमारे पास गर तुम
यहीं रह जाओगे जाना कहाँ है...!
कहीं नहीं जाना.......
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सुन्दर ग़ज़ल...
अनु
बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुती,आभार।
जवाब देंहटाएंऐसा ही होता है..
जवाब देंहटाएंतुम्हें हम याद करते ही रहे हैं
जवाब देंहटाएंतुम्हें हम याद हों ऐसा कहाँ है...
सच है ... जिन्हें शिद्दत से प्यार करो, जिन्हें याद करो वो भी ऐसा करें ये जरूरी नहीं ... भाव मय रचना ...
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
बहुत खूब दी
जवाब देंहटाएंसुन्दर अहसास की सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएं:-)