मंगलवार, 26 फ़रवरी 2013

"चलो इक बार फिर से............................."


 


किसी भी याद को
जेहन से निकालना आसान नहीं...!
यादें ही जिंदगी को
आसान करती हैं
और ये ही हैं जो
जीना भी मुहाल करती हैं...
अब इंसान इनको
अपने से कैसे अलग करे...!
किसी अजनबी से
रिश्ता बनाना जितना आसान है
उतना ही दुरूह है
स इंसान से रिश्ता बनाना
जो आपको कुछ या ढेर सी
खट्टी मीठी यादों के साथ
छोड़ गया हो.....!
और फिर एक दिन
एकाएक आपके सामने
खड़ा हो जाता है फिर से
नई उम्मीद से रिश्ता बनाने के लिए...!
किसी को कहना या बताना
बड़ा ही आसान होता है
लेकिन जब खुद पे
ऐसा वक्त आ जाये तो
सारी बातें दरकिनार हो जाती हैं...!
एक ऐसा इंसान
जो आपकी जिंदगी में सबकुछ 
या बहुत कुछ रहा हो...
उससे एक अजनबी की तरह 
पेश आना बड़ा मुश्किल होता है... !!
फिर ये गाना और भी बेमानी हो जाता है...
"चलो इक बार फिर से............................."



 

11 टिप्‍पणियां:

  1. हाँ.. काफी दुरूह होता है अजनबी हो जाना ..
    सीधी बात... सच्ची बात ...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत उम्दा .
    आज की मेरी नई रचना जो आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है

    ये कैसी मोहब्बत है

    खुशबू

    जवाब देंहटाएं
  3. इसीका नाम ज़िन्दगी है ...कई अनुभवों का निचोड़ ..कुछ खारे कुछ मीठे...कुछ रिश्तों की चाह...कुछ कहे कुछ अनकहे ...

    जवाब देंहटाएं
  4. बिलकुल बेमानी हो जाता है ... आसान नहीं होता भुलाना ऐसे किसी भी शख्स को जो जीवन की सांसों से जुड गया हो ...

    जवाब देंहटाएं
  5. सच ! बहुत मुश्किल होता है एसे हालातों में...
    लेकिन रिश्तें की अहमियत और भी बढ़ जाती है !
    बहुत दिनों बाद पढ़ा ...बहुत सुन्दर !
    आभार !

    जवाब देंहटाएं
  6. बड़ा ही कटु सत्य है लेकिन आगे तो बढ़ना ही होगा सब कुछ भुलाकर ..........

    जवाब देंहटाएं