वो आंसू जो कभी बिन बुलाये ही आँखों में आ जाते हैं
वो आंसू जो हंसते हुए भी कभी चुपके से छलक जाते हैं
किसी के जाने के दर्द को जब हम सह कर भी सह नहीं पाते हैं....
तो क्या करें....................................................................?
कुछ कहने से पहले ही जब लफ्ज़ गले में अटक जाते हैं
तब कुछ न कह कर भी हमारे आंसू ही सब कह जाते हैं
किसी की शक्ल को जब हम चाह कर भी भुला नहीं पाते हैं
तो क्या करें...............................................................??
कुछ आंसू हैं जो हमारी पलकों पर ही थम जाते हैं
कुछ आंसू जो आँखों में चाह कर भी आ नहीं पाते हैं
कुछ आंसू जो अनजाने ही हमारे गालों पे लुढ़क जाते हैं
तो क्या करें...........................................................???
दिल्ली
१०-०१-२०१२
"अश्क हाल-ऐ-दिल बयाँ करते
जवाब देंहटाएंचुप रह कर भी सब कुछ कह देते"
सुन्दर भाव्याक्ती के लिए बढाए स्वीकारें
कुछ ना करिये ...आंसुओं को बह जाने दिया जाये तभी दर्द कम होता है..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.
सब कुछ तो आंसू कर रहे हैं ..बचा ही क्या है करने को .. अच्छी भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंकभी कभी हम नही कह पाते है पर हमारे आंसू सारी बाते कह देती है...
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ती
मन के भाव आंसुओं में ...
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
अश्को की ज़ुबानी......बहुत खुबसूरत है......तस्वीर भी लाजवाब है.......थोड़ी बड़ी करके लगनी थी|
जवाब देंहटाएंbahut sundar evam bhawpurn rachna...!
जवाब देंहटाएंzindagi aisi hi hai, bas hone de...sundar rachna.
जवाब देंहटाएंthanx to all....!!!
जवाब देंहटाएंइमरान...
इतनी बड़ी ही तस्वीर मिली थी मुझे....!
एक बात आपकी अच्छी है...आपके सुझाव..!!
thanx !
कुछ कहने से पहले ही जब लफ्ज़ गले में अटक जाते हैं
जवाब देंहटाएंतब कुछ न कह कर भी हमारे आंसू ही सब कह जाते हैं
किसी की शक्ल को जब हम चाह कर भी भुला नहीं पाते हैं
तो क्या करें..
दिल के कुछ लफ्ज़ जो,होठों पे नही आते हैं
नीर बन करके ही ,नयनों से गुजर जाते हैं
सुन्दर अभिव्यक्ति ....
vikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
दिल के अरमा आसुओं में बह गए,जब कोई बात दिल को लगती है और हम उसे सहन नही कर पाते,वह दर्द आँसू बनकर बह जाता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति,बेहतरीन रचना
welcome to new post --काव्यान्जलि--यह कदंम का पेड़--
कुछ कहने से पहले ही जब लफ्ज़ गले में अटक जाते हैं
जवाब देंहटाएंतब कुछ न कह कर भी हमारे आंसू ही सब कह जाते हैं
किसी की शक्ल को जब हम चाह कर भी भुला नहीं पाते हैं
तो क्या करें........?????
जबाब मिले तो मुझे भी बताना पूनम जी !
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंख़ुशी और गम के प्रतीक ये आंशु किसी के रोके नहीं रुकते और अनायास
जवाब देंहटाएंछलक कर हमारे भावों को समझा देते हैं . सुन्दर रचना