तुमने कहा था...
तुम मुझे पाना चाहते हो
अपने आस-पास,
मुझे छूना चाहते हो !
मुझे नज़दीक से
महसूस करना चाहते हो !
तुम्हें नहीं पता....
मैं तो हूँ हर वक़्त
तुम्हारे पास,तुम्हारे साथ !
बस.....
तुम्हें महसूस करना होगा मुझे !
मैं साँसों की तरह
तुम्हारी हर सरगोशी में हूँ !
मैं धड़कन की तरह
तुम्हारे दिल के बहुत नज़दीक हूँ !
हथेली की गर्माहट की तरह
तुम्हारी हलकी सी छुअन में हूँ !
तुम्हारे क़दमों के तले
सूखे पत्तों की सरसराहट में हूँ !
तुम्हारे बदन को छूती हुई
ठंडी हवा की सुगबुगाहट में हूँ !
तुम्हारे गम में हूँ..
तुम्हारी मुस्कराहट में भी हूँ !
किसी परेशानी में आयी
तुम्हारे माथे की चंद बूंदों में भी हूँ !
तुम्हारी हमकदम,तुम्हारी हमसफ़र
हर जगह,हर वक़्त,तुम्हारे साथ....!ध्यान से देखना मैं ही तो हूँ..!!
उम्दा प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंnice configuration...
जवाब देंहटाएंवाह पूनम जी..
जवाब देंहटाएंप्यार का खूबसूरत एहसास....
सुन्दर रचना..
सुन्दर और सराहनीय है,
जवाब देंहटाएंरचना मुझे बहुत ये भाई।
पूनम जी सुन्दर कविता की,
मेरी स्वीकृत करें बधाई।
thanx to all....
जवाब देंहटाएंanjani si kashish hae aaj ki post men . pyari rchna hae.
जवाब देंहटाएंतुम्हें महसूस करना होगा मुझे !
जवाब देंहटाएंमैं साँसों की तरह
तुम्हारी हर सरगोशी में हूँ !
मैं धड़कन की तरह
तुम्हारे दिल के बहुत नज़दीक हूँ !
हथेली की गर्माहट की तरह
तुम्हारी हलकी सी छुअन में हूँ !
तुम्हारे क़दमों के तले
सूखे पत्तों की सरसराहट में हूँ !
ऐसे अहसासों को महसूस करने के लिए तो भावनात्मक रूप से बहुत गहरे में उतरना होगा ....बेहद प्रशंसनीय प्रस्तुति ...!
sunder bhav.............
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली रचना ...
जवाब देंहटाएंआभार !
Bahut khoob ... Kash Tum Bhi vaqt hote aur rahte mere Saath hamesha ... Lajawab abhivyakti ...
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अहसास !
जवाब देंहटाएंभावनात्मक प्रस्तुति !
उफ्फ्फ पूनम जी आप तो बहुत जगह हैं ...लगभग सभी जगह ....आपका ऐसा मुक्तरूप से हर जगह होना बहुत अच्छा लगा ... यही तो सार्थक 'होना'है
जवाब देंहटाएंसही मायने में समर्पण और प्रेम दर्शाती हुई इस रचना के लिए हार्दिक बधाई !
सुन्दर रचना , सुन्दर भाव, बधाई.
जवाब देंहटाएंपधारें मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर भी, मुझे आपके स्नेहाशीष की प्रतीक्षा है.
हल जगह साथ हूँ ... बस एहसास होना चाहिए .. इन भावों से ओत प्रोत अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अहसास !
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत मुहब्बत के अहसास.......सिर्फ अहसास है ये रूह से महसूस करो|
जवाब देंहटाएंसार्थक और सुन्दर रचना|
जवाब देंहटाएंमुहब्बत के ख़ूबसूरतअहसासtum se door to hoon
जवाब देंहटाएंphir bhee door nahee
dil se chaahte ho to
dil mein jhaank kar dekho
main wahaan baithaa hoon
तुम्हारे माथे की चंद बूंदों में भी हूँ !
जवाब देंहटाएंतुम्हारी हमकदम,तुम्हारी हमसफ़र
हर जगह,हर वक़्त,तुम्हारे साथ....!
ध्यान से देखना मैं ही तो हूँ..!!
भावपूर्ण रचना के लिये बधाई !
pyar ka ahsas karati behad sundar rachana hai...
जवाब देंहटाएंaaj apko follow kar rahi hu taki aage bhi sath bana rahe....
bahut komal rachna, sachcha sathi humsafar ban kar har pal sath hota hai, bas mehsoos karne ki zarurat hai. shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंअहसास ही तो है जो हमें जिंदा रखता है...बहूत ही खूबसूरत रचना लिखी है आपने.....
जवाब देंहटाएंअहसास को बयां करती खुबसूरत रचना, बधाई
जवाब देंहटाएंबस.....
जवाब देंहटाएंतुम्हें महसूस करना होगा मुझे !
मैं साँसों की तरह
बहूत खूबसूरत रचना बधाई....
बहुत प्यारी ...प्यार से भरी लेखनी
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट "मुझे लेखनी ने थामा इसलिए मैं लेखनी को थाम सकी" (मन्नू भंडारी) पर आपके प्रतिक्रियाओं की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी । धन्यवाद ।
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