उनसे नज़र मिली तो हम बेहोश हो गए..
नज़रों ने किया वार था तलवार की तरह...!!
छुप छुप के कोई देखता रहता है रात भर..
गोया छुपा हो बदलियों में चाँद की तरह...!!
हमने तो उसको एक ज़माने से नहीं देखा
दिल में वो रह रहा है मेरे यार की तरह....!!
मेरी ये मुस्कुराहटें उसकी उसकी नियामतें...
वो देखता है यूँ दिल-ए-बीमार की तरह...!!
आज और अभी...
आपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 17/04/2013 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
छुप छुप के कोई देखता रहता है रात भर..
जवाब देंहटाएंगोया छुपा हो बदलियों में चाँद की तरह...
होगा कोई चातक प्रियतमा की तलाश में ... बहुत उम्दा लिखा है ..
सुंदर !
जवाब देंहटाएंछुप छुप के कोई देखता रहता है रात भर..
जवाब देंहटाएंगोया छुपा हो बदलियों में चाँद की तरह...!!--
प्रेम का गहरा अहसास
सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
शुभकामनायें
मेरे ब्लॉग में भी पधारें
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १६ /४/ १३ को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां स्वागत है ।
जवाब देंहटाएंमेरी ये मुस्कुराहटें उसकी उसकी नियामतें...
जवाब देंहटाएंवो देखता है यूँ दिल-ए-बीमार की तरह...!!
वाह वाह !!! बहुत उम्दा शेर ,आभार
Recent Post : अमन के लिए.
वाह बहुत खूबसूरत ख्याल
जवाब देंहटाएंbahut khubsurat ahsas
जवाब देंहटाएंगुज़ारिश : ''यादें याद आती हैं.....''
वाह...
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
अनु
वाह्ह्ह्हह्ह ...बहुत ही खूबसूरत रचना ... उम्दा एहसासात और जज़्बात उतारे हैं आपने अपने अल्फ़ाज़ में ... बहुत खूब पूनम जी... . बहुत सी दाद ओ मुबारकबाद...
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना...वाह...!!!!
जवाब देंहटाएंउत्कृष्ट प्रस्तुति...