हर वक़्त एक सा कहाँ होता है.पर सच यह भी है कि,हर रात के बाद सवेरा होता है.सुन्दर पंक्तियाँ हैं पूनम जी.
सपनों में हाथ बढ़ाते सच ...जैसे वो सच एक गुलाब था .....
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
आपकी प्रविष्टि कल के चर्चा मंच पर है धन्यवाद
आह !लगभग रुला ही दिया था वो तो कहो मेरी ढिठाई है जो बच गया !सच में पूनम जी इस दर्द का दीवाना हूँ मैं
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...वाह बहुत खूब !!! पूनम जी ,शुभकामनायें.Recent post: होरी नही सुहाय,
सपने तो सपने ही होते हैं...
सपने ऐसे ही होते हैं ... एहसास नहीं होता जागने ओर सोने का ...कई बातें सपने जैसे ही होती हैं ..
हर वक़्त एक सा कहाँ होता है.
जवाब देंहटाएंपर सच यह भी है कि,
हर रात के बाद सवेरा होता है.
सुन्दर पंक्तियाँ हैं पूनम जी.
सपनों में हाथ बढ़ाते सच ...जैसे वो सच एक गुलाब था .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपकी प्रविष्टि कल के चर्चा मंच पर है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
आह !
जवाब देंहटाएंलगभग रुला ही दिया था वो तो कहो मेरी ढिठाई है जो बच गया !
सच में पूनम जी इस दर्द का दीवाना हूँ मैं
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...वाह बहुत खूब !!! पूनम जी ,शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंRecent post: होरी नही सुहाय,
सपने तो सपने ही होते हैं...
जवाब देंहटाएंसपने ऐसे ही होते हैं ... एहसास नहीं होता जागने ओर सोने का ...
जवाब देंहटाएंकई बातें सपने जैसे ही होती हैं ..