बुधवार, 13 मार्च 2013

सपना.....




                               

सपने कभी सच भी होते हैं....???
हाँ...! 
और नहीं भी...!!
कभी वो दिन थे कि..
सपने में भी बढ़ा हाथ
थाम लेता था चुपके से कोई...
और आज.....
ये बातें सपना सी लगती हैं....!!



8 टिप्‍पणियां:

  1. हर वक़्त एक सा कहाँ होता है.
    पर सच यह भी है कि,
    हर रात के बाद सवेरा होता है.
    सुन्दर पंक्तियाँ हैं पूनम जी.

    जवाब देंहटाएं
  2. सपनों में हाथ बढ़ाते सच ...जैसे वो सच एक गुलाब था .....

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें.

    जवाब देंहटाएं
  4. आपकी प्रविष्टि कल के चर्चा मंच पर है
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. आह !
    लगभग रुला ही दिया था वो तो कहो मेरी ढिठाई है जो बच गया !

    सच में पूनम जी इस दर्द का दीवाना हूँ मैं

    जवाब देंहटाएं
  6. बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...वाह बहुत खूब !!! पूनम जी ,शुभकामनायें.

    Recent post: होरी नही सुहाय,

    जवाब देंहटाएं
  7. सपने तो सपने ही होते हैं...

    जवाब देंहटाएं
  8. सपने ऐसे ही होते हैं ... एहसास नहीं होता जागने ओर सोने का ...
    कई बातें सपने जैसे ही होती हैं ..

    जवाब देंहटाएं