रविवार, 8 अप्रैल 2012

जिंदगी बिताने को.......




                                       जिंदगी बिताने को एक दर्द कम है मगर
                                       यूँ  ही  मर जाने को एक  प्यार काफी  है !


                                       तेरे दूर जाने की वजह कुछ होगी मगर
                                       तुझको पास लाने को एक याद काफी  है !


                                       यूँ तो आसमां में छा जाते हैं बादल  काले  
                                       बूँदें  बरसाने  को  एक  आँख  काफी  है !


                                       देखते हैं हम उनको अपनी बंद आँखों से
                                       मेरी इन आँखों को एक ख्वाब काफी है !


                                       होगी वफ़ा तेरी..कहीं,कभी,किसी के लिए
                                       मेरी तन्हाई  को तेरी  बेवफाई  काफी  है !







17 टिप्‍पणियां:

  1. होगी वफ़ा तेरी..कहीं,कभी,किसी के लिए
    मेरी तन्हाई को तेरी बेवफाई काफी है !
    इन्साफ करने के लिए
    खुदा ही काफी है

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  2. मेरी तन्हाई को तेरी बेवफाई काफी है !


    sundar likha hae .

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  3. तेरे दूर जाने की वजह कुछ होगी मगर
    तुझको पास लाने को एक याद काफी है !
    यूँ तो आसमां में छा जाते हैं बादल काले
    बूँदें बरसाने को एक आँख काफी है

    man ko chua hee nahi aaj to dil me baith gayee..baar baar padha baar baar gungunaya...sadar badhayee aaur amantran ke sath

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  4. सुंदर भाव मन के ..
    गहन अभिव्यक्ति ...
    शुभकामनायें ...

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  5. झेलते होंगे बड़े-बड़े हादसे लोग यहाँ
    हमे चोट खाने को तेरी एक बात काफी है..........

    बेहतरीन गज़ल पूनम जी.....
    वाह!!!

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  6. देखते हैं हम उनको अपनी बंद आँखों से
    मेरी इन आँखों को एक ख्वाब काफी है !
    बेहतरीन भाव पुर्ण प्रस्तुति,सुन्दर रचना...

    RECENT POST...फुहार....: रूप तुम्हारा...

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  7. यूँ ही मर जाने को एक प्यार काफी है !

    वाह क्या बात लिखी है ...

    देखते हैं हम उनको अपनी बंद आँखों से
    मेरी इन आँखों को एक ख्वाब काफी है !

    बहुत खूबसूरत गजल

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  8. यूँ तो आसमां में छा जाते हैं बादल काले
    बूँदें बरसाने को एक आँख काफी है !

    आज तो कमाल कर दिया पूनम जी ....सच में आँख का बादल से कोई मुकाबला नहीं ....आँख तो आँख है ....!

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  9. होगी वफ़ा तेरी..कहीं,कभी,किसी के लिए
    मेरी तन्हाई को तेरी बेवफाई काफी है !

    वाह, बहुत सुंदर गजल ! यह शेर तो कमाल का है...

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  10. तेरे दूर जाने की वजह कुछ होगी मगर
    तुझको पास लाने को एक याद काफी है !
    .....वाह पूनमजी.....बहुत सुन्दर लिखा है आपने .....

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  11. यूँ तो आसमां में छा जाते हैं बादल काले
    बूँदें बरसाने को एक आँख काफी है !
    सुन्दर गज़ल .. बहुत खूब

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  12. आप प्रभावित करने में कामयाब हैं, बधाई !

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  13. बहुत सुंदर ग़ज़ल । शुभकामनाएँ ।

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  14. एक एक मिसरा बेजोड़ है ......सादगी और ईमानदारी से बयान की गयी बहुत ही प्यारी ग़ज़ल ..
    आभार

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