वो सोचते रहे हम बात करेंगे उनसे कुछ अपनी.....
हम थे ऐसे के उन्हें मायूस ही कर बैठे...!
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चाहना यूँ तुम्हारी फितरत ही सही...
एक हम हैं कि इनकार किये जाते हैं..!
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कह दिया बेबाक हो कर तुमने कितना कुछ हमसे
और हम ये भी न कह पाए के हमें प्यार है तुमसे ही !!
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आरज़ू रह ही गयी हमारी कि देखें तुम्हें दिल के आईने में....
एक तुम थे के जब भी आये तो नकाब थी तुम्हारे चेहरे पे !
सुन्दर .
जवाब देंहटाएंहर इंसान की फितरत होती है कि जहाँ आशा की किरण दिखाई देती है वही पर ही जाता है, इस आशा और विश्वास के साथ कि निराश नही होना पड़ेगा । प्रस्तुति अच्छा लगी । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंbeautiful all.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट पे आपका हार्दिक स्वागत है !
कह दिया बेबाक हो कर तुमने कितना कुछ हमसे
जवाब देंहटाएंऔर हम ये भी न कह पाए के हमें प्यार है तुमसे ही !!
आरज़ू रह ही गयी हमारी कि देखें तुम्हें दिल के आईने में....
एक तुम थे के जब भी आये तो नकाब थी तुम्हारे चेहरे पे !
हमारी किस्मत में ज्यादातर नकाबें ही आती हैं पूनम जी ...ज्यादातर नकाबें ही ...एक खास तरह कि नाकाबं जो खाल के अंदर पहनी जाती हैं ...बहुत देर बाद देख पाते हैं हम और कई बार तो देख भी नहीं पाते.!
BEHTAR KAVITA
जवाब देंहटाएंआनंदजी....
जवाब देंहटाएं'हमारी' से आपका इशारा किस की तरफ है...नकाब कोई भी पहन सकता है...!! अब उसे कहाँ पहनना है? किसके लिए पहनना है? कब पहनना है? क्यूँ पहनना है?
ये तो वही इंसान जाने.....!!! अल्लाह से दुआ करिए कि हमें वो नज़र बक्शे जिससे हम खुद को ऐसे लोगों से बचा सकें....!!
लेकिन आपने मेरे शेर का मतलब ही बदल दिया यहाँ पर....!
नकाब शरमा के भी डाल ली जाती है......!!!
आरज़ू रह ही गयी हमारी कि देखें तुम्हें दिल के आईने में....
जवाब देंहटाएंएक तुम थे के जब भी आये तो नकाब थी तुम्हारे चेहरे पे !
बहुत खूब
बहुत खूब ... क्या बात है ... वो आए भी तो नकाब पहन के ... लाजवाब शेर हैं सभी ...
जवाब देंहटाएंकह दिया बेबाक हो कर तुमने कितना कुछ हमसे
जवाब देंहटाएंऔर हम ये भी न कह पाए के हमें प्यार है तुमसे ही !!
बहुत खूब ... क्या बात है .....
वो सोचते रहे हम बात करेंगे उनसे कुछ अपनी.....
जवाब देंहटाएंहम थे ऐसे के उन्हें मायूस ही कर बैठे...!
sundar...
www.poeticprakash.com
पूनम जी सुन्दर अभिव्यक्ति ...प्यार में कभी कभी ऐसा हो जाता है
जवाब देंहटाएंबधाई हो ...
भ्रमर ५
कह दिया बेबाक हो कर तुमने कितना कुछ हमसे
और हम ये भी न कह पाए के हमें प्यार है तुमसे ही !!
बहुत सुन्दर ...
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिखा आपने,
जवाब देंहटाएंवो आए भी तो नकाब पहन के,..बेहतरीन,.
मेरे पोस्ट 'शब्द'में आपका इंतजार है...
I just added this weblog to my feed reader, great stuff. Cannot get enough!
जवाब देंहटाएंFrom everything is canvas
संगीता स्वरुप ( गीत ) ने आपकी पोस्ट " अंदाज़ अपना अपना.... " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
जवाब देंहटाएंआरज़ू रह ही गयी हमारी कि देखें तुम्हें दिल के आईने में....
एक तुम थे के जब भी आये तो नकाब थी तुम्हारे चेहरे पे !
बहुत खूब ..हर शेर एक दूसरे पर भारी
very beautiful . Keep writing .
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