मंगलवार, 4 अक्तूबर 2011

कहीं वो तुम तो नहीं.............???


एक चेहरा है जो  हर  चेहरे में  मिल जाता है !
जब भी की  आँखें  बंद वो ही नज़र आता है !!

कभी शब्दों को  बदल गीत वो बन जाता है  !!
फिर वही गीत  मेरे  होठों पे बस  जाता   है !

बस के आँखों में मेरे दिल में उतर जाता है !
कभी बन फूल मेरी जुल्फों को महकता है !!

बन के मुस्कान मेरे चेहरे पे खिल जाता है !
सुनहरी  धूप सा रौशन मुझे कर जाता है !!

न कोई  नाम, न पहचान,  न रिश्ता है कोई !!
फिर भी कुछ है मेरा,जो सबमें नज़र आता है !

मेरा  सब कुछ   है वो, हर वक़्त साथ है मेरे !!
एक चेहरा जो बस अपना सा लगता है मुझे !

मैं   खोजती  हूँ   उसे   अपनों में  बेगानों  में !!
वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!

19 टिप्‍पणियां:

  1. मैं खोजती हूँ उसे अपनों में बेगानों में !!
    वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!

    आपके पोस्ट पर आना सार्थक सिद्ध हुआ । जो दिल के किसी कोने में रच- बस जाता है । वह दिल के करीब ही रहता है । सघन भावें से भरी कविता का हर रूप मर्माहत कर गया । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

    जवाब देंहटाएं
  2. अक्सर हम खुद को ही दूसरों में ढूंढते हैं ....
    मेरा वो साया कहीं मैं खुद तो नहीं या कही मेरी कोई कल्पना तो नहीं !

    जवाब देंहटाएं
  3. मैं खोजती हूँ उसे अपनों में बेगानों में !!
    वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!
    bahut khub kya bat hai mubarak ho .......

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत खूबसूरत ग़ज़ल....दिल को छू लेने वाली....वाह |

    मेरे ब्लॉग की नयी पोस्ट आपके ज़िक्र से रोशन है......जब भी फुर्सत मिले ज़रूर देखें|

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर रचना पूनम जी ! हर शब्द बोलता सा प्रतीत होती है और हर भाव आँचल की तरह लिपट कर आत्मीयता का अहसास देता है ! बहुत अच्छा लिखा है आपने ! बधाई एवं शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  6. behtarin..dilkash..har sher jaandar hai..badhayee aaur apne blog per amantran ke sath

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत खूबसूरत ग़ज़..वाह ..वाह..

    जवाब देंहटाएं
  8. खूबसूरत... दिल को छू लेने वाली भावभरी गजल।
    दशहरा पर्व की शुभकामनाएं....

    जवाब देंहटाएं
  9. न कोई नाम, न पहचान, न रिश्ता है कोई !!
    फिर भी कुछ है मेरा,जो सबमें नज़र आता है !

    खूबसूरत !!
    _________________________________
    किसे जलाये - रावण को या राम को ???

    जवाब देंहटाएं
  10. मैं खोजती हूँ उसे अपनों में बेगानों में !!
    वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!

    सारे शेर बहुत उम्दा है. सुंदर प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
  11. न कोई नाम, न पहचान, न रिश्ता है कोई !!
    फिर भी कुछ है मेरा,जो सबमें नज़र आता है !

    भावुक जजबातों की सुन्दर प्रस्तुति. शुभकामनायें.
    www.belovedlife-santosh.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  12. "वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!"
    itna apna ho jata hai??

    bahut pyare se jajbaat:)

    जवाब देंहटाएं
  13. न कोई नाम, न पहचान, न रिश्ता है कोई !!
    फिर भी कुछ है मेरा,जो सबमें नज़र आता है !

    खुबसूरत अभिव्यक्ति दी है आपने अपने विचारों को.

    जवाब देंहटाएं
  14. मैं खोजती हूँ उसे अपनों में बेगानों में !!
    वो जो छुपता है औ'फिर मुझमें ही मिल जाता है !!
    WAH PUNAM JI BAHUT KHOOB.. KAFI BARIKI SE LIKHA H AAPNE.. BDHAI SWIKAAR KRE

    जवाब देंहटाएं
  15. न कोई नाम, न पहचान, न रिश्ता है कोई !!
    फिर भी कुछ है मेरा,जो सबमें नज़र आता है !

    सुन्दर!

    जवाब देंहटाएं