लफ्ज़ खो जाते हैं खामोश जुबां होती है
लाये ज़ज्बात कहाँ...आँख मिलाने के लिए !
हम तो समझे थे कि हम ही हैं उस्ताद बड़े
यहाँ ग़ालिब हैं बहुत शेर सुनाने के लिए !
चल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
दिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
दिल पे तेरे मेरे दिल ने बहुत दस्तक दी थी
उठ सका तू न मगर मुझको मनाने के लिए !
बदगुमानी...बदजुबानी नहीं सीखी जाती
एक मौका दे जमाना तो बताने के लिए !
राह में दूर तलक रौशनी ही रौशनी है
कहाँ है आँख उसे देखने..दिखाने के लिए !
बहुत खूब....२ और आखिरी शेर बढ़िया लगा ।
जवाब देंहटाएंआपकी यह बेहतरीन रचना शनिवार 22/09/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंचल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
जवाब देंहटाएंदिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए ..
कितना दर्द होगा इन बातों में ... बहुत खूब ... लाजवाब शेर है ...
वाह लाजवाब ग़ज़ल खास कर इस शे'र के लिए कुछ ज्यादा ही दाद कुबूल कीजिये
जवाब देंहटाएंचल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
दिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
बहुत बढ़िया गजल..
जवाब देंहटाएंहर शेर लाजवाब..
बेहतरीन...
:-)
बढ़िया गज़ल पूनम जी....
जवाब देंहटाएंचल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
दिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
बहुत सुन्दर शेर...
अनु
चल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
जवाब देंहटाएंदिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
bahut sundar ...!!
अच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
चल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
जवाब देंहटाएंदिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
इस कलयुग में कुछ दूर साथ चलने वाले ही तो बड़ी मुश्किल से मिलते हैं....
सुंदर रचना..
bahut achche.....
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जवाब देंहटाएंहम तो समझे थे कि हम ही हैं उस्ताद बड़े
यहाँ ग़ालिब हैं बहुत शेर सुनाने के लिए !
हम तो समझे थे कि हम ही हैं उस्ताद बड़े
यहाँ ग़ालिब हैं बहुत शेर सुनाने के लिए !
हम तो समझे थे उनका हाथ हमारे ही लिए ,
हाथ काले हैं उनके ,हमको दिखाने के लिए .
नोट झड़ते नहीं हैं पेड़ों से ,
निकले कई रोबो ,समझाने के लिए .
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बधाई .
बेहतरीन!
जवाब देंहटाएंसादर
लफ्ज़ खो जाते हैं खामोश जुबां होती है
जवाब देंहटाएंलाये ज़ज्बात कहाँ...आँख मिलाने के लिए !
badhiya gazal...badhai!
चल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
जवाब देंहटाएंदिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !
बहुत खूब ...
चल सको तो ...ज़रा सी देर मेरे साथ चलो
जवाब देंहटाएंदिल की कुछ बात कहें तुमको रुलाने के लिए !क्या बात है...
हम तो समझे थे कि हम ही हैं उस्ताद बड़े
जवाब देंहटाएंयहाँ ग़ालिब हैं बहुत शेर सुनाने के लिए !
haha bahut khoob...bahut sundar:-)
यहाँ ग़ालिब हैं बहुत शेर सुनाने के लिये !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंलफ्ज़ खो जाते हैं खामोश जुबां होती है
जवाब देंहटाएंलाये ज़ज्बात कहाँ...आँख मिलाने के लिए !
सुंदर |
मेरी नई पोस्ट:-
मेरा काव्य-पिटारा:पढ़ना था मुझे
बेहतरीन .....
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