बुधवार, 21 मार्च 2012

एक रिश्ता ऐसा ही.....






कुछ रिश्ते....
जो बेनामी होते हैं
जिन्दगी भर 
साथ -साथ चलते हैं !
शायद....
इसीलिए मैंने तुझसे
और खुद से भी  
एक ऐसा ही
रिश्ता बना लिया है...!!



25 टिप्‍पणियां:

  1. इन अनाम रिश्तों की डोर उम्र भर जुडी रहती है ...

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  2. आपको नव संवत्सर 2069 की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    कल 23/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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    1. यशवंत...
      शुक्रिया 'नई पुरानी हलचल' में शामिल करने के लिए...!!

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  3. जब खुद से बनाया रिश्ता भी बेमानी हो जाए तो जीवन का अर्थ खो जाता है !

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  4. बेनामी ही सही....साथ साथ हैं...ये काफी नहीं क्या????

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  5. कोई तो साथ हो... बेनामी ही सही... सुन्दर भाव, बधाई.

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  6. sach kaha hai kuch rishte benaami hote hain jinko duniya hi tarah tarah ke naam de dalti hai aur aapko pata bhi nahi chalta.kam shabdon me bahut kuch kahti abhivyakti.

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  7. सुन्दर रचना..
    गहन भाव अभिव्यक्ति...

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  8. मैंने तुझसे
    और खुद से भी
    एक ऐसा ही
    रिश्ता बना लिया है...!!


    बहुत भावपूर्ण सुंदर रचना ...

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  9. धन्यवाद राजेन्द्र जी......
    बधाई आपको भी......
    साथ ही मेरे सभी मित्रों को भी.....!!

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  10. नाम देने से रिश्ते सिमट जाते हैं सीमाओं में जिनकी अपनी मर्यादा होती है ...बेनाम रिश्ते इन परिधियों से अछूते होते हैं..इसी लिए जी पाते हैं....सांस ले पाते हैं ...कम शब्दों में एक फलसफा कहती पंक्तियाँ .....

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  11. बेनामी रिश्ते ...गहरी बात कह दी चंद पंक्तियों में ।

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  12. इसीलिए मैंने तुझसे
    और खुद से भी
    एक ऐसा ही
    रिश्ता बना लिया है...!!
    YOU CAN FEEL REALATIONS BEYOND THIS.
    BUT IT DEPENDS ON YOU .
    BEAUTIFUL AND NICE LINES ON SELF.
    I LIKE IT.

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  13. बहुत सुन्दर नज़्म .. छोटी सी , लेकिन गहरी .. असर छोडती हुई ,.

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