बिना रंगों के जो रंग चढ़ गया है
खुली आँखों से वो दिखता नहीं है !
तेरे न होने का संग जो मज़ा है
संग रह के भी वो मिलता नहीं है !
महक फूलों की जो रच बस गयी है
न जाऊं गर चमन में भी तो क्या है !
चाँदनी छा गयी है आज हर सू
गगन में चाँद न निकला तो क्या है !
उठाती हूँ जब मैं आँखों को अपनी
बिखर जाती यूँ हर सू रौशनी है !
अगर आ जाएँ आंसू भी पलक पर
मेरे संग सारी दुनिया ही दुखी है !
ख़ुशी मिलती है तेरे संग रह के
अकेले रह के भी मुझको ख़ुशी है !
सिहरती हूँ तेरे स्पर्श से मैं
छुए न तू मुझे फिर भी ख़ुशी है !
अजब ये रंग है इस दिल का यारों
किसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!
तू साथ तो तेरा साथ प्यारा........
जवाब देंहटाएंतू नहीं तो मेरा "मैं" यारा.........
सुन्दर भाव पूनम जी....
ख़ुशी मिलती है तेरे संग रह के
जवाब देंहटाएंअकेले रह के भी मुझको ख़ुशी है !
सिहरती हूँ तेरे स्पर्श से मैं
छुए न तू मुझे फिर भी ख़ुशी है !
बहुत बढ़िया प्रस्तुति,भावपूर्ण सुंदर रचना,...
RESENT POST...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...
ख़ुशी मिलती है तेरे संग रह के
जवाब देंहटाएंअकेले रह के भी मुझको ख़ुशी है !
सिहरती हूँ तेरे स्पर्श से मैं
छुए न तू मुझे फिर भी ख़ुशी है !
अजब ये रंग है इस दिल का यारों
किसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!
very nice ...
अजब ये रंग है इस दिल का यारों
जवाब देंहटाएंकिसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!
बहुत सुंदर ! खुद से मिलना जब होता है
तब यह जग अच्छा लगता है
बिना रंगों के जो रंग चढ़ गया है
जवाब देंहटाएंखुली आँखों से वो दिखता नहीं है !
तेरे न होने का संग जो मज़ा है
संग रह के भी वो मिलता नहीं है !
जुदाई में तड़प की मजा ही कुछ और है...!
बहुत ही भावपूर्ण प्रस्तुति !
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
रूहानी अहसास से भरी हुई कविता है
जवाब देंहटाएंsahi pahchana aapne....
हटाएंअजब ये रंग है इस दिल का यारों
जवाब देंहटाएंकिसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!
सुभानाल्लाह......बहुत खुबसूरत ।
अजब ये रंग है इस दिल का यारों
जवाब देंहटाएंकिसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
कुछ रिश्ते हमारी ज़िन्दगी में यूं वाबस्ता हो जाते जैसे किसी पेंटिंग में बेकड्रॉप ...सुन्दर अभिव्यक्ति
अपना असल वजूद पाना ही जीवन है ...
जवाब देंहटाएंलाजवाब शब्द हैं ... बहुत खूब ...
बहुत प्यारी कविता पूनम जी
जवाब देंहटाएंअजब ये रंग है इस दिल का यारों
किसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!
वजूद मिल जाए तो रब मिल जाए..बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा!!
जवाब देंहटाएंपिछले कुछ दिनों से अधिक व्यस्त रहा इसलिए आपके ब्लॉग पर आने में देरी के लिए क्षमा चाहता हूँ...
जवाब देंहटाएंइस रचना के लिए बधाई स्वीकारें
नीरज
"बिना रंगों के जो रंग चढ़ गया है
जवाब देंहटाएंखुली आँखों से वो दिखता नहीं है !
तेरे न होने का संग जो मज़ा है
संग रह के भी वो मिलता नहीं है !
अजब ये रंग है इस दिल का यारों
किसी ने दे दिया सब मुझको यारों !
अब तलक था रहा अलग मुझसे
यूँ मिला मुझको मेरा वजूद यारों....!!"
sundar prastuti.....
प्रभावशाली रचना....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें आपको !