शनिवार, 2 नवंबर 2013

एक रिश्ता.....








शब्द कहीं खो से जाते हैं
और जुबां चुप हो जाती है
जब भी कहना चाहा कुछ भी
सामने तुम चुपचाप खड़े हो जाते मेरे
आंख झुकी चेहरे पे कल की मायूसी भी
कह जाती है मुझसे सब कुछ 
जो कुछ कहना चाहा तुमने 
लेकिन न कह पाए अब तक
बोलो इसको क्या मैं बोलूं ?
न कह कर भी...
न सुन कर भी...
ये जो रिश्ता है अनजाना 
हम दोनों का...
ये ही सब कुछ कह जाता है !!


***पूनम***


5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर.. आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  2. बहुत खूब सुंदर प्रस्तुति !
    दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाए...!
    ===========================
    RECENT POST -: दीप जलायें .

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  3. रिश्ते सब कह देते हैं ... दीपावली के पर्व की बधाई और शुभकामनायें ...

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  4. वाह, प्रेम से रंगी प्यारी सी कविता.. बहुत सुन्दर

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