तेरी आँखें खुदा महफूज़ रखे दुनिया में..
खुद ही आ जायेंगे ख्वाबों को सजाने वाले...!
हमने सोचा न था वो हमको भूल जायेगा...
एक हम ही थे उसे दिल से लगाने वाले....!
तमाम लोग है दीदार को तरसे मेरे...
और होंगे तेरे दीदार पे मरने वाले.....!
हमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे.....
एक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....!
जिधर भी देखती हूँ तू मुझे नज़र आये...
जिंदगी से मेरी मुंह मोड़ के जाने वाले....!
बहुत सुंदर गजल
जवाब देंहटाएंक्या बात
हमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे.....
एक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....!
तमाम लोग है दीदार को तरसे मेरे...
जवाब देंहटाएंऔर होंगे तेरे दीदार पे मरने वाले...
क्या तेवर हैं .... क्या अदा है शेर की ... ओर होंगे तेरे दीदार पे मरने वाले ...
घायल करते शेर.......वाह ।
जवाब देंहटाएंतेरी आँखें खुदा महफूज़ रखे दुनिया में..
जवाब देंहटाएंखुद ही आ जायेंगे ख्वाबों को सजाने वाले...!
प्यार में समर्पण की उम्दा तस्वीर. सारे शेर अच्छे लगे.
वाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंहमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे.
जवाब देंहटाएंएक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....!
प्यार और समर्पण की उम्दा अभिव्यक्ति,,सुंदर शेर,,,
recent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
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♥सादर वंदे मातरम् !♥
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हमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे.....
एक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....!♥
ओये होए !
:)
... लेकिन जाएं आपके दुश्मन !
जिधर भी देखती हूँ तू मुझे नज़र आये...
जिंदगी से मेरी मुंह मोड़ के जाने वाले....!♥
मुंह मोड़ के जाने वाले की नज़र कमजोर होगी ...
:)
आदरणीया पूनम जी
बहुत ख़ूबसूरत लिखा है आपने
कोरी वाह वाह से मन नहीं माना तो कुछ विनोद किया है ,बुरा मत मान जाइएगा
...वैसे भी आजकल हर पुरुष के विरुद्ध हर महिला को भड़काने का फैशन चला हुआ है { :( }
:)
ख़ूबसूरत रचना !
…आपकी लेखनी से सुंदर रचनाओं का सृजन ऐसे ही होता रहे , यही कामना है …
हार्दिक मंगलकामनाएं …
लोहड़ी एवं मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर !
राजेन्द्र स्वर्णकार
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बहुत खूब!!!
जवाब देंहटाएं@ खुद ही आ जायेंगे ख्वाबों को सजाने वाले...!
जवाब देंहटाएंवाह ...
जिधर भी देखती हूँ तू मुझे नज़र आये...
जवाब देंहटाएंजिंदगी से मेरी मुंह मोड़ के जाने वाले....! ---क्या बात है ..और क्या कहें ...
bahaut sunder rachana
जवाब देंहटाएंwah.. sundar di...:)
जवाब देंहटाएंवाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, वाअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, पूनम सिन्हा साहिबा...क्या क्या अशार कहें हैं आपने .. एक से एक खूबसूरत और लाजवाब.... मतला जितना खूबसूरत कहा है उतने ही खूबसूरत ये अशार ...
जवाब देंहटाएंहमने सोचा न था वो हमको भूल जायेगा...
एक हम ही थे उसे दिल से लगाने वाले....!
हमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे.....
एक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....!
बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने.... दिली दाद ओ मुबारकबाद ..