बुधवार, 17 अक्तूबर 2012

ख्वाब .... देखिये.... कुछ इस तरह.....!!









देखते हैं वो ख्वाब....फिर भी यकीं नहीं होता 
सोते और जागते....ख्वाबों से वो घबराते हैं...!

हम उनको कैसे इस बात का दिलायें यकीं 
हम अगर जिंदा रहेंगे तो...ख्वाब आते हैं...!

न उन्हें खुद पे यकीं...न ही अपने ख्वाबों पे 
पूरे न होंगे ख्वाब......आप  जो  घबराते  हैं  !

ख्वाबों पे भी कभी  'पूनम' किसी का बस है चला 
बंद  हो या हो खुली आँख.....ये आ ही जाते हैं...!!



बस अभी अभी...
***पूनम सिन्हा***






7 टिप्‍पणियां:

  1. bahut hi sundar post hai..


    हम उनको कैसे इस बात का दिलायें यकीं
    हम अगर जिंदा रहेंगे तो...ख्वाब आते हैं...!


    http://rohitasghorela.blogspot.com/2012/10/blog-post_17.html

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  2. ख्वाब तो ख्वाब है आँखें बंद हों या खुली; आते ही हैं. बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

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  3. आपके पोस्ट पर आना बहुत ही अच्छा लगा। कविता भी अच्छी लगी। मुझे अभिप्रेरित करने के लिए आपका मेरे नए पोस्ट पर स्वागत है। धन्यवाद।

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  4. सही कहा विज्ञानं भी यही कहता है :-)

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  5. ख्वाबों पे भी कभी 'पूनम' किसी का बस है चला
    बंद हो या हो खुली आँख.....ये आ ही जाते हैं...!!

    ख्वाब तो बस ख्वाब हैं बहुत सुंदर और भावपूर्ण प्रस्तुति.

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