आसमां लगे भरा-भरा कुछ इस तरह उडाएं....!
कभी खींच कर एक बादल का टुकड़ा
अपने घर की किसी दीवार पे सजाएं....!
कभी खोल दे खिड़कियाँ सारी घर की
फलक से धनक को ज़मीन पर उतारें....!
पहन कर कभी धानी चूनर तुम्हारी
छनन छन,छनन अपनी पायल बजाये...!
वो उड़ता सा आँचल,वो बिखरी सी जुल्फ़ें
वो गुनगुन सी बदरी,वो रिमझिम फुहारें...!
वो गालों की लाली,वो माथे के बिंदिया
इन आँखों में काजल सा तुमको सजाएं...!
पहन कर कभी धानी चूनर तुम्हारी
जवाब देंहटाएंछनन छन,छनन अपनी पायल बजाये...!
सावन की घटा .....बरस रही है ...आनंद ले रहे हो ...!
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
waah zindgi sada aisi khushnuma si rahe to kya baat hai.
जवाब देंहटाएंवो गालों की लाली,वो माथे के बिंदिया
जवाब देंहटाएंइन आँखों में काजल सा तुमको सजाएं...!
RECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
अच्छी है |
जवाब देंहटाएंकभी खींच कर एक बादल का टुकड़ा
जवाब देंहटाएंअपने घर की किसी दीवार पे सजाएं...
वाह .. क्या बात है ... बुत खूबसूरत चाह ... आसमा को कैद करने की चाहत ...