शनिवार, 6 अगस्त 2011


गुफ्तगू........


आज रात
बस....
अभी-अभी
चाँद आसमान से
उतर कर आ बैठा 
खिड़की में मेरे पास,
और देर रात 
हम देखते रहे
एक-दूसरे को,
न जाने कितनी
बातें की हमने ...
जानते हो !
तुम्हारा नाम भी 
आया था उसमें 
एक बार !!


एक खूबसूरत अनुभूति
रात्रि-२:१२
07-08-2011


16 टिप्‍पणियां:

  1. kam shabdon mein wakai dil ko choone wali ek khubsurat anubhuti,,,mere blog pe bhi aapka swagat hai

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  2. वाह! चाँद से बातें और उनका भी नाम
    आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति को मेरा सलाम.

    पूनम जी आपका चिंतन जगत अपूर्व है.
    निश्छल निश्छल,कोमल कोमल.

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  3. poonam ji..main to aapke blog ka follower blog jagat se judne ke kuch dino baad se hi hoon..aap mere blog tak aayein mujhe protsahit kiya iske liye hardik dhnyawad..ummid karta hoon aapka protsahn mujhe nirantar milta rahega..

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  4. माशाल्ल्लाह.......कितने खूबसूरत जज़्बात हैं.......लफ़्ज़ों का जादू सा बिखेरते.....

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. वाह क्या खूब लिखा है , दिल में उतर गयी आपकी ये नज़्म और अंतिम पंक्तियों ने तो बस गजब कर दिया है .. बधाई स्वीकार करे.
    वाह

    आभार
    विजय
    -----------
    कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html

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  7. मेरे ब्लॉग पर आकर आपने कृतार्थ किया है मुझे.
    कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर मेरी आपको हार्दिक शुभ कामनाएं.

    एक बार फिर आईयेगा मेरे ब्लॉग पर.
    भक्ति व शिवलिंग पर अपने सुविचार प्रस्तुत कर
    अनुग्रहित कीजियेगा.

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  8. "जानते हो !
    तुम्हारा नाम भी
    आया था उसमें
    एक बार !!"
    वाह! पूनम जी.क्या बात कह दी आपने.आपने बता दिया कि हर किसी का एक व्यक्तिगत चाँद भी होता है.अत्यंत मनभावन और मखमली भावों से सजी रचना.सावन की फुहारों सा असर छोड़ गई.देरी के लिए खेद है.

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  9. चाँद से बातों का भी अपना मिजाज़
    और उन रातों का भी अपना मिजाज़.
    जो लुटा देते हैं जीवन प्यार में,
    उनके जज़्बातों का भी अपना मिजाज़.

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  10. देर से आना हुआ लेकिन खूबसूरत कविता पढ़ने को मिली आभार

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  11. जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
    दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.
    ईद मुबारक

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  12. चाँद से गुफ्तगू और उनके नाम का आना ...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...

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  13. इंतजार के लम्हे ऐसे ही होते है ! खुबसूरत भाव !

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  14. पूनम जी , मैंने भी आज ही आपकी ये कुछ रचनाएँ पढ़ीं " क्या खूब लिखतीं हैं " वो बात जो दिल को सुकून दे ..लिख ही देतीं है ..साथ ही अद्भुत चित्र ..चार चाँद लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ता.."
    बहुत-बहुत बधाई.
    मीनाक्षी श्रीवास्तव
    meenugj81@gmail.com

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