कौन हो तुम ?
मेरी आँखों में
जो आंसू बन के
झिलमिलाते हो !
मेरे होंठों पर
मुस्कान बन के
बिखर जाते हो !
मेरे दिल की
धड़कन के साथ
पल-पल धड़कते हो !
फूलों में मेरा हाथ
लगते ही खुशबू बन
बिखर-बिखर जाते हो !
ठंडी हवा के साथ
मेरे तन को एक
सिहरन दे जाते हो !
रुदन के साथ
मेरे दिल में
उतर जाते हो !
मेरी हंसी में तारों से
चमक जाते हो !
मेरे मन में
मनमोहन से
हर पल
मुस्कराते हो !
कौन हो तुम ??
कौन हो ???
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति पूनम जी.
जवाब देंहटाएंकोमल मधुर अहसास कराती हुई.
अनुपम प्रस्तुति के लिए आभार.
आप मेरे ब्लॉग पर काफी समय से नहीं आ पाईं हैं.
कोई नाराजगी तो नहीं ?
मेरी आँखों में
जवाब देंहटाएंजो आंसू बन के
झिलमिलाते हो !
मेरे होंठों पर
मुस्कान बन के
बिखर जाते हो !,,,,,
किस पल आते हो किस पल जाते हो
ऐसे ही तुम हर बार मेरी जान लिए जाते हो
में तो जिन्दा हूँ तुम्हारे लिए
पर तुम न जाने क्यू पत्थर बन जाते हो .....बहुत खूब ,....
सुभानाल्लाह दिल को छू लेने वाले जज़्बात हैं.....बहुत खूबसूरत|
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया रहीं प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजो आंसू बन के
जवाब देंहटाएंझिलमिलाते हो !
मेरे होंठों पर
मुस्कान बन के
बिखर जाते हो !,,,
बेहतरीन.....
खूबसूरत रचना
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat ahsaas ko samet liya is rachna ne.bahut khoob.
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