बहुत खूब! अच्छी पंक्तियाँ!
मैं खुद को भी तोबस....तुम्हारे नाम से ही जानती हूँ !!वाह, अनंत समर्पण, विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
lovely !!!
इतना समर्पण बहुत कम मिलता है.....और जहाँ मिलता है वहां प्रेम अपने ऊँचे ताल पर पहुँचता है |
KASSS.............
बहुत अच्छी पहचान बताई है आपने अपनी.अपना अहं खोकर,उसमें समाकर.
बहुत खूब! अच्छी पंक्तियाँ!
जवाब देंहटाएंमैं खुद को भी तो
जवाब देंहटाएंबस....
तुम्हारे नाम से ही जानती हूँ !!
वाह, अनंत समर्पण,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
lovely !!!
जवाब देंहटाएंइतना समर्पण बहुत कम मिलता है.....और जहाँ मिलता है वहां प्रेम अपने ऊँचे ताल पर पहुँचता है |
जवाब देंहटाएंKASSS.............
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पहचान बताई है आपने अपनी.
जवाब देंहटाएंअपना अहं खोकर,
उसमें समाकर.