मेरे अपने......
इक खुशी तुझसे मिलने की
इक गम तुझसे बिछड़ने का...
कुछ ख्वाब हैं अनछुए से
और दर्द है टूट जाने का...
जो नींद में भी नहीं आते
इंतज़ार है ऐसे सपने का...
छू गया जो मुझको चुपके से
एक हाथ है कोई अपने का...
कोई मुझसे बात करता है
कोई मुझमें मुझ सा रहता है
है ये साथ मेरे अपने का...
है ये साथ मेरे अपने का...!!
***पूनम***
bahut sunder.........
जवाब देंहटाएंwah bahut sundar
जवाब देंहटाएंWaah Sundar bhacpoorn rachna ..
जवाब देंहटाएंअपनों का साथ यूँ ही बना यहे तो जीवन में क्या और चाहिए ...
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही बेहतरीन पंक्तियाँ |
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव !
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