कौन दुनिया में ऐसा...जिसे गम नहीं...
एक तुम ही नहीं...एक हम ही नहीं ...!!
दे रहा था गली में...सदा देर से...
ऐसा आशिक...किसी को मिलेगा नहीं...!!
चाँद चमका तो था...बस ज़रा देर को...
तेरे चेहरे के आगे...टिकेगा नहीं...!!
ज़ुल्फ़ बिखरा दो...शाने पे मेरे अगर..
शाम हो जायेगी...दिन रहेगा नहीं...!!
आप महफिल में आये...बड़ी देर से..
अब ठहर जाइये...जाइयेगा नहीं...!!
आप महफिल में आये...बड़ी देर से..
जवाब देंहटाएंअब ठहर जाइये...जाइयेगा नहीं...!!
ऐसे प्यारभरे मनुहार को मुश्किल होगा ठुकराना उनके लिए
सुन्दर है आपकी यह प्यारभरी प्रस्तुति.
आभार
वाह जी....
जवाब देंहटाएंक्या ग़ज़ल है क्या गुज़ारिश है..
बहुत खूब!!
अनु
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई ---
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंप्रेम का एहसास लिए पल ... लाजवाब शेर सभी ...
जवाब देंहटाएंक्या ग़ज़ल है...............बहुत खूब!!
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