गीत इक प्यार का सुना देना...
रात तारों भरी सजा देना...!
ज़िन्दगी इस तरह से गुज़री है...
मौत को जैसे रास्ता देना...!
जब मुहब्बत से कोई देखे तो...
प्यार का प्यार से सिला देना..!
कब से है इंतज़ार मुझको भी...
सामने आ के मुस्कुरा देना...!
शाम से खुल गए हैं मैखाने...
मुझको नज़रों से तुम पिला देना...!
ज़िन्दगी एक बार ही मिलती...
यूँ ही बेकार मत गंवा देना...!
तेरी फ़ुरक़त में गमज़दा कब से..
रुख से परदा जरा हटा देना...!
बात जब भी कभी चले उसकी..
दर्द दिल के सभी भुला देना...!
वो सलामत रहे हमेशा ही...
अब तो तुम बस यही दुआ देना...!
रात 'पूनम' की बात फूलों की...
चाँद दामन में यूँ सजा देना...!
***पूनम***