गीत इक प्यार का सुना देना...
रात तारों भरी सजा देना...!
ज़िन्दगी इस तरह से गुज़री है...
मौत को जैसे रास्ता देना...!
जब मुहब्बत से कोई देखे तो...
प्यार का प्यार से सिला देना..!
कब से है इंतज़ार मुझको भी...
सामने आ के मुस्कुरा देना...!
शाम से खुल गए हैं मैखाने...
मुझको नज़रों से तुम पिला देना...!
ज़िन्दगी एक बार ही मिलती...
यूँ ही बेकार मत गंवा देना...!
तेरी फ़ुरक़त में गमज़दा कब से..
रुख से परदा जरा हटा देना...!
बात जब भी कभी चले उसकी..
दर्द दिल के सभी भुला देना...!
वो सलामत रहे हमेशा ही...
अब तो तुम बस यही दुआ देना...!
रात 'पूनम' की बात फूलों की...
चाँद दामन में यूँ सजा देना...!
***पूनम***
बहुत सुन्दर प्रेम के नाज़ुक एहसास से सजी रचना ...
जवाब देंहटाएंबहुत दिनों बाद कुछ लिखा है आपने .. अच्छा लगा ब्लॉग पर वापसी देख कर ...
शुक्रिया दिगम्बर जी 🙏
जवाब देंहटाएंआवश्यक सूचना :
जवाब देंहटाएंसभी गणमान्य पाठकों एवं रचनाकारों को सूचित करते हुए हमें अपार हर्ष का अनुभव हो रहा है कि अक्षय गौरव ई -पत्रिका जनवरी -मार्च अंक का प्रकाशन हो चुका है। कृपया पत्रिका को डाउनलोड करने हेतु नीचे दिए गए लिंक पर जायें और अधिक से अधिक पाठकों तक पहुँचाने हेतु लिंक शेयर करें ! सादर https://www.akshayagaurav.in/2019/05/january-march-2019.html
मर्मस्पर्शी पंक्तियाँ बहुत दिनो के बाद आपको लिखते देखकर खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
जवाब देंहटाएंvery useful information.gsss mohal very very nice article
जवाब देंहटाएंvery useful information.movie4me very very nice article
जवाब देंहटाएंBA LLB 1st Semester Political Science Notes
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