हुई तौहीन उल्फत में...मगर हम कुछ नहीं कहते...
नहीं हमसे मुखातिब वो...मगर हम कुछ नहीं कहते...!
कहा कुछ भी नहीं हमने...नज़र उनकी तनी क्यूँ है...
वफ़ा उनको नहीं आती...मगर हम कुछ नहीं कहते..!
वो गैरों से मिलाते आँख हैं...यूँ तो भरी महफ़िल
चुराते आंख वो हमसे...मगर हम कुछ नहीं कहते..!
यूँ उनकी बेवफाई के...यहाँ चर्चे नहीं हैं कम
हमारा दिल भी माने है...मगर हम कुछ नहीं कहते..!
कभी वो बेवफा...बैठा था मेरी बज़्म में आ कर
जुबां चाहे कहें हम कुछ...मगर हम कुछ नहीं कहते..!
***पूनम***