हसरतें....हसरतों से पूरी हों फिर भी कुछ हसरतें अधूरी हों...!! तेरी चौखट हो तेरा रहम-ओ-करम जो नवाजिश हो.....तेरी पूरी हो....!! बद्दुआ बन गई दुआ अब तो हर दुआ में असर ज़रूरी हो.....!!
जिंदगी यूँ ही कुछ नहीं देती चाहतें दिल में जब अधूरी हों....!!
मेरे चेहरे को दे दीं मुस्कानें... अब तेरी ये दुआ भी पूरी हो...!!
तेरी आँखें खुदा महफूज़ रखे दुनिया में.. खुद ही आ जायेंगे ख्वाबों को सजाने वाले...! हमने सोचा न था वो हमको भूल जायेगा... एक हम ही थे उसे दिल से लगाने वाले....! तमाम लोग है दीदार को तरसे मेरे... और होंगे तेरे दीदार पे मरने वाले.....! हमारे बाद ज़माने में ये चरचे होंगे..... एक हम ही थे यहाँ प्यार निभाने वाले....! जिधर भी देखती हूँ तू मुझे नज़र आये... जिंदगी से मेरी मुंह मोड़ के जाने वाले....!