tag:blogger.com,1999:blog-8879090232508882931.post8811479003778165339..comments2023-08-21T08:37:49.506-07:00Comments on तुम्हारे लिए.........: नहीं मैं होती दीवानी....तू दीवाना नहीं होता....***Punam***http://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8879090232508882931.post-69418671382761666702014-04-29T09:56:04.550-07:002014-04-29T09:56:04.550-07:00☆★☆★☆
न जाने क्यूँ लगी रहती है दुनिया एक उल...<b> </b> <br /><b> </b> <br /><b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.in" rel="nofollow">☆★☆★☆</a></b><br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> <br /><b>न जाने क्यूँ लगी रहती है दुनिया एक उलझन में..<br />अगर ऐसा नहीं होता...अगर वैसा नहीं होता...! </b> <br />वाह ! वाऽह…! <br />क्या सादाबयानी है !<br /><br />अच्छी रचना है <b><i> आदरणीया पूनम जी</i></b> <br />शुरू से आख़िर तक शानदार ...<br /><br /><b> </b> <br /><b> </b> सुंदर रचना के लिए साधुवाद<br /><b> </b> आपकी लेखनी से सदैव सुंदर श्रेष्ठ सार्थक सृजन होता रहे...<br /><b> </b> <br /> शुभकामनाओं सहित...<br />-राजेन्द्र स्वर्णकार<br /><b> </b> <br /><b> </b><br />Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com